बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-2 राजनीति विज्ञान बीए सेमेस्टर-2 राजनीति विज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-2 राजनीति विज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर
अध्याय - 2
राजनीतिक विज्ञान की अध्ययन की विधियाँ
(Study Methods of Political Science)
राजनीतिक सिद्धान्त राजनीति का सिद्धान्त, व्यवहार, इतिहास, दर्शन, विज्ञान तथा कला है। यह राजनीति का हृदय, आत्मा व सार, राजनीति के समस्त पहेलियों की कुन्जी तथा एक ऐसा केन्द्र है जिसके चारो ओर राजनीतिक विज्ञान के अन्य उपक्षेत्र घूमते हैं। राजनीति विज्ञान शब्दकोष के अनुसार, “राजनीति सिद्धान्त, राजनीतिक घटना चक्र का मूल्यांकन है, उसकी व्याख्या तथा उसकी भविष्यवाणी करने वाले चिंतन का समूह है। डेविड हैल्ड के शब्दों में, “राजनीतिक सिद्धान्त राजनीतिक जीवन विषयक अवधारणाओं और सामान्य सिद्धान्तों का ताना-बाना है जिसमें 'हम सरकार, राज्य और समाज की मुख्य विशेषताओं, उनकी प्रकृति व उद्देश्य से संबंधित विचारों, मान्यताओं व वक्तव्यों तथा मनुष्यों के राजनीतिक सामर्थ्य का अध्ययन करते हैं। राजनीतिक सिद्धान्त वर्णनात्मक, व्याख्यात्मक, विश्लेषणात्मक, अन्वेषक, आनुभविक है। यह ऐतिहासिक है क्योंकि यह व्याख्या करता है, वैज्ञानिक है क्योंकि यह राजनीतिक तत्वों को समझने समझाने में सहायता करता है, यह निर्देशात्मक है, क्योंकि यह मार्गदर्शन करता है। राजनीति सिद्धान्त का सरोकार राजनीति विज्ञान और राजनीति दर्शन दोनों से है। इसमें तीन प्रकार के कथन की जरूरत होती है— अनुभव मूलक कथन, तार्किक कथन तथा मूल्यपरक कथन। सब मनुष्यों में निरीक्षण की एक जैसी क्षमता पायी जाती है। अतः हम अपने अनुभव को दूसरे के अनुभव से मिलाकर उसकी पुष्टि और सत्यापन कर सकते हैं। तार्किक कथन की विशेषता है कि सब मनुष्यों में एक जैसी तर्क बुद्धि पायी जाती है, अतः हम अपने कथन को तर्क की कसौटी पर कसकर उसकी पुष्टि और सत्यापन कर सकते हैं। मूल्यपरक कथन व्यक्तिगत या सामूहिक निर्णय के विषय है, और इनकी जांच करने की कोई विश्वसनीय विधि या अंतिम कसौटी नहीं है।
राजनीति - सिद्धान्त की सार्थकता इस बात से है कि वह सार्वजनिक जीवन के लक्ष्य निर्धारित करे, और ऐसी संस्थाओं एवं प्रक्रियाओं का पता लगाये जो उन लक्ष्यों की सिद्धि में सहायक हो। ज्ञान-विज्ञान की कोई अन्य शाखा यह कार्य नहीं करती। राजनीतिशास्त्र के विचारक्षेत्र में विज्ञान और दर्शन का जैसा मणि- कांचन संयोग देखने को मिलता है, ऐसा अन्यत्र दुर्लभ है। प्राचीन यूनानी दार्शनिक अरस्तू ने राजनीतिशास्त्र को 'परम विद्या' या 'सर्वोच्च विज्ञान' की संज्ञा इसलिए दी थी क्योंकि यह अन्य सब विधाओं की उपलब्धियों को सद्जीवन की सिद्धि के लिए नियोजित करता है। राजनीतिक सिद्धान्त राजनीति को वैज्ञानिकता प्रदान करता है और इसको एक व्यवस्थित अध्ययन के लिए प्रेरित करता है।
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- अध्याय -1 राजनीति विज्ञान : परिभाषा, प्रकृति एवं क्षेत्र
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 2 राजनीतिक विज्ञान की अध्ययन की विधियाँ
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 3 राजनीति विज्ञान का अन्य सामाजिक विज्ञानों से संबंध
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 4 राजनीतिक विज्ञान के अध्ययन के उपागम
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 5 आधुनिक दृष्टिकोण : व्यवहारवाद एवं उत्तर-व्यवहारवाद
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 6 आधुनिकतावाद एवं उत्तर-आधुनिकतावाद
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 7 राज्य : प्रकृति, तत्व एवं उत्पत्ति के सिद्धांत
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 8 राज्य के सिद्धान्त
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 9 सम्प्रभुता : अद्वैतवाद व बहुलवाद
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 10 कानून : परिभाषा, स्रोत एवं वर्गीकरण
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 11 दण्ड
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 12 स्वतंत्रता
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 13 समानता
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 14 न्याय
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 15 शक्ति, प्रभाव, सत्ता तथा वैधता या औचित्यपूर्णता
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 16 अधिकार एवं कर्त्तव्य
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 17 राजनीतिक संस्कृति, राजनीतिक सहभागिता, राजनीतिक विकास एवं राजनीतिक आधुनिकीकरण
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 18 उपनिवेशवाद एवं नव-उपनिवेशवाद
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 19 राष्ट्रवाद व सांस्कृतिक राष्ट्रवाद
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 20 वैश्वीकरण
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 21 मानवाधिकार
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 22 नारीवाद
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 23 संसदीय प्रणाली
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 24 राष्ट्रपति प्रणाली
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 25 संघीय एवं एकात्मक प्रणाली
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 26 राजनीतिक दल
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 27 दबाव समूह
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 28 सरकार के अंग : कार्यपालिका, विधायिका एवं न्यायपालिका
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 29 संविधान, संविधानवाद, लोकतन्त्र एवं अधिनायकवाद .
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 30 लोकमत एवं सामाजिक न्याय
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 31 धर्मनिरपेक्षता एवं विकेन्द्रीकरण
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- अध्याय - 32 प्रतिनिधित्व के सिद्धान्त
- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला